Wednesday, March 4, 2009

बहुत दिन हुए वो तूफ़ान नही आया

बहुत दिन हुए वो तूफ़ान नही आया,उस हसीं दोस्त का कोई पैगाम नही आया,सोचा में ही कलाम लिख देता हूँ,उसे अपना हाल- ए- दिल तमाम लिख देता हूँ,ज़माना हुआ मुस्कुराए हुए,आपका हाल सुने... अपना हाल सुनाए हुए,आज आपकी याद आई तो सोचा आवाज़ दे दूं,अपने दोस्त की सलामती की कुछ ख़बर तो ले लूंखुशी भी दोस्तो से है,गम भी दोस्तो से है,तकरार भी दोस्तो से है,प्यार भी दोस्तो से है,रुठना भी दोस्तो से है,मनाना भी दोस्तो से है,बात भी दोस्तो से है,मिसाल भी दोस्तो से है,नशा भी दोस्तो से है,शाम भी दोस्तो से है,जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,मौहब्बत भी दोस्तो से है,इनायत भी दोस्तो से है,काम भी दोस्तो से है,नाम भी दोस्तो से है,ख्याल भी दोस्तो से है,अरमान भी दोस्तो से है,ख्वाब भी दोस्तो से है,माहौल भी दोस्तो से है,यादे भी दोस्तो से है,मुलाकाते भी दोस्तो से है,सपने भी दोस्तो से है,अपने भी दोस्तो से है,

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