Wednesday, March 4, 2009

दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके

ऐसा दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके,जो हमारा दिल को जान सके,चल रहा हो हम तेज़ बेरिश मे,फिर भी पानी मे से आँसुओ को पहचान सकेख़ुश्बू की तरह मेरी सांसो मे रेहानलहू बनके मेरी नसनस मे बेहानादोस्ती होती है रिस्तो का अनमोल गेहनाइसलिया इस दोस्ती को कभी अलविदा ना कहनायाद आए कभी तो आँखें बंद मत करना.हम ना भी मिलें तो गम मत करना!!!!ज़रूरी तो नही के हम नेट पेर हैर रोज़ मिलेंमगर ये दोस्ती का एहसास कभी कम मत करना.दोस्ती उन से करो जो निभाना जानते हो.नफ़रत उन से करो जो भूलना जानते हो...........ग़ुस्सा उन से करो जो मानना जनता हो...........प्यार उनसे करो जो दिल लुटाना जनता हो.........बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,मिले जो प्यार तो कदर करना,किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.ज़िंदगी गमो का पुलिंदा है,ख़ुशियाँ आज कल चुनिंदा है,

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